Light Emitting Diodes- LED
Light Emitting Diodes- LED
रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज़ ने एक बयान जारी कर घोषणा की कि 20वीं सदी में प्रकाश उत्पन्न करने हेतु तापदीप्त बल्बों का व्यापक उपयोग किया गया जबकि 21वीं सदी में प्रकाश उत्पन्न करने हेतु प्रकाश उत्सर्जक डायोड (Light Emitting Diodes- LED) लैंप का व्यापक उपयोग किया जाएगा।
डायोड क्या हैं?
डायोड एक विद्युत अवयव है जो लगभग 5 मिमी. चौड़ा होता है। इसके संपर्क के दो बिंदु अथवा टर्मिनल होते हैं जिन्हें एनोड तथा कैथोड कहा जाता है।
डायोड का प्राथमिक उद्देश्य धारा को केवल एक दिशा में प्रवाहित करने में सहायता प्रदान करना है। यह P-N संधि डायोड (P-N Junction Diode) का उपयोग कर इस कार्य को करता है।
P-N संधि p-प्रकार तथा n-प्रकार के अर्द्धचालकों के अंतरापृष्ठ (Interface) पर होता है।
अर्द्धचालक का धनात्मक पक्ष (Positive Side), जिसे p-फलक (p-type) के रूप में जाना जाता है, में कई होल (hole) मौजूद होते हैं।
अर्द्धचालक के ऋणात्मक पक्ष (Negative Side), जिसे n-फलक (n-side) कहा जाता है, में इलेक्ट्रॉनों की अधिकता होती है।
इलेक्ट्रॉन, परमाणुओं में वे 'स्थान' संदर्भित करते हैं जिनमें ऋणात्मक आवेश (Negative Charge) होता है।
इलेक्ट्रॉन: एक इलेक्ट्रॉन ऋणात्मक आवेश वाला एक उपपरमाण्विक कण है जो या तो किसी परमाणु से बंधा हुआ या मुक्त अवस्था में मौजूद हो सकता है।
होल: PN जंक्शन में, "होल" अर्धचालक सामग्री के वैलेंस बैंड में एक इलेक्ट्रॉन की अनुपस्थिति को संदर्भित करता है।
जब वैलेंस बैंड से एक इलेक्ट्रॉन उच्च ऊर्जा स्तर (चालन बैंड) में चला जाता है, तो यह वैलेंस बैंड में एक रिक्त स्थान छोड़ देता है, जिसे होल के रूप में जाना जाता है।
ऊर्जा अंतराल (Band Gap): बैंड गैप किसी सामग्री में उच्चतम व्याप्त और सबसे कम रिक्त इलेक्ट्रॉनिक अवस्थाओं के बीच ऊर्जा का अंतर है।
प्रकाश उत्सर्जक डायोड (LED) क्या हैं?
LED अर्धचालक हैं जो विद्युत प्रवाह गुज़रने पर प्रकाश उत्सर्जित कर सकते हैं।
डायोड के P-N जंक्शन के अंदर, इलेक्ट्रॉनों में छिद्रों की तुलना में अधिक ऊर्जा होती है। जब कोई इलेक्ट्रॉन मिलता है और छिद्र को अपने आवेश में ले लेता है, जिसके फलस्वरूप परिवेश में ऊर्जा मुक्त होती है।
वर्ष 2014 का भौतिकी का नोबेल पुरस्कार इसामु अकासाकी, हिरोशी अमानो और शुजी नाकामुरा को दिया गया।
उनकी उपलब्धि को कुशल नीला प्रकाश उत्सर्जक डायोड के आविष्कार के लिये पहचाना गया, जिसने शक्तिशाली, ऊर्जा-कुशल सफेद प्रकाश स्रोतों के विकास का रास्ता साफ कर दिया।
लाल और हरे डायोड कुछ समय के लिये अस्तित्व में थे, लेकिन नीले प्रकाश की कमी ने सफेद लैंप के निर्माण को रोक दिया।
प्रकाश उत्सर्जक डायोड (LED) और लिक्विड क्रिस्टल डिस्प्ले (LCD) के बीच क्या अंतर हैं?
LCD
LCD मुख्य रूप से फ्लोरोसेंट रोशनी का उपयोग करते हैं।
फ्लोरोसेंट लाइट्स आमतौर पर LCD में स्क्रीन के पीछे लगाई जाती हैं
LED की तुलना में LCD अधिक मोटी होती हैं और कम ऊर्जा दक्षता प्रदर्शित करती हैं।
LCD का व्यूइंग एंगल LED की तुलना में संकीर्ण होता है।
LCD पारा का उपयोग करता है और पर्यावरण के लिये हानिकारक है।
LED
प्रकाश उत्सर्जक डायोड या तो स्क्रीन के पीछे या किनारों पर स्थित होते हैं।
LED पतले होते हैं और कम ऊर्जा का उपयोग करते हैं।
LED में LCD की तुलना में व्यापक व्यूइंग एंगल होता है।
LCD पारा का उपयोग करता है और पर्यावरण के लिये हानिकारक है।
LED में पारे का उपयोग नहीं होता है और यह पर्यावरण के अनुकूल है।
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