Header Ads

easy TIPS & TRICKS by Brijesh Shahu

Plate Tectonics

Plate Tectonics



 प्लेट टेक्टोनिक्स एक वैज्ञानिक सिद्धांत है जो भूमि की ऊपरी परत (लिथॉस्फियर) की चलन को समझाता है, जो पृथ्वी की कठोर बाह्य परत है, और इसके नीचे के अधिष्ठानमें स्थित अस्थेनॉस्फियर पर उसकी चलनीयता को विवेचना करता है। यह सिद्धांत भूगोल और पृथ्वी विज्ञान में एक मौलिक अवधारणा बन गया है, जो पृथ्वी की सतह को बनाने वाली गतिविधियों को समझने में मदद करता है।




प्लेट टेक्टोनिक्स के बारे में कुछ मुख्य बिंदुएं शामिल हैं:

  1. लिथॉस्फेरिक प्लेटें: पृथ्वी की लिथॉस्फियर को कई बड़ी और कठिन परतों में विभाजित किया गया है। इन प्लेटों को टेक्टोनिक प्लेट्स भी कहा जाता है, जो इसके नीचे के अधिष्ठानमें उससे बालुषाई सेंगुनी में तैरती हैं।

  1. प्लेट सीमाएं: इन टेक्टोनिक प्लेट्स के बीच के प्रभावांक उनकी सीमाओं पर होते हैं। तीन प्रमुख प्रकार की प्लेट सीमाएं हैं:


    • दिवर्जेंट सीमा: प्लेटें एक दूसरे से दूर होती हैं। यह चलन से नयी समुद्री कटिवस्तु बनाता है, क्योंकि मैग्मा मंटल से उठकर मध्य-सागर की ऊँचाई पर जा कर ठंडी हो जाती है।


    • कन्वर्जेंट सीमा: प्लेटें एक दूसरी की ओर बढ़ती हैं, जिससे सबडक्शन (एक प्लेट को दूसरी के नीचे धकेलना) या सम्मिलन होता है। सबडक्शन क्षेत्रों में अक्सर गहरे समुद्र खाई, ज्वारांक और पर्वतमालाएँ बनती हैं।


    • ट्रांसफॉर्म सीमा: प्लेटें एक दूसरी के साथ समतल रूप से साइड करती हैं। प्लेटों के बीच ट्रांसफॉर्म सीमा पर भूकंप होते हैं।


  2. प्लेट का चलन: प्लेट टेक्टोनिक्स के पीछे की शक्ति का कारण माना जाता है कि पृथ्वी के भीतर तत्वों के विकरण के कारण उत्पन्न गर्मी है। यह गर्मी अधिष्ठानमें सेमी-द्रवमय अस्थेनॉस्फियर में कन्वेक्शन करेंट्स को उत्पन्न करती है, जो प्लेटों के चलन को बढ़ाती है।





  1. प्लेट टेक्टोनिक्स के लिए प्रमाण:


    • महाद्वीपों का मेल: दक्षिण अमेरिका और अफ्रीका की समुद्रतट सीमाएं, उदाहरण के लिए, जिगसॉ पहुंचती हैं।

    • जीवाश्म प्रमाण: समान जीवाश्म और चट्टान गुफाएँ उन महाद्वीपों पर मिलती हैं जो अब समुद्रों से दूर हैं।

    • पुरातात्विक प्रमाण: पुरानी जलवायु जैसे की ग्लेशियल डिपॉजिट्स का प्रमाण, महाद्वीपों को एक साथ लाने पर मेल खाता है।

  2. प्लेट इंटरऐक्शन और भूगोलीय सुविधाएं:


    • मिड-ओशन रिज़्ज़: नए समुद्री चट्टानों का निर्माण दिवर्जेंट सीमाओं पर होता है।

    • डीप ओशन ट्रेंचेस: ऐसी गहरी, लंबी खाईयाँ हैं जहां समुद्री प्लेटें महाद्वीपीय या अन्य समुद्री प्लेटों के नीचे सबडक्शन हो रहा है।

    • ज्वारांकी द्वीप: सबडक्शन होने वाली कन्वर्जेंट सीमाओं पर बने ज्वारांकी की श्रृंगारी ऊँचाई।

    • भूकंप: प्लेटों के चलन और इंटरऐक्शन के कारण भूकंप होते हैं।

  3. प्लेट टेक्टोनिक्स और पृथ्वी की विशेषताएँ: प्लेट टेक्टोनिक्स विभिन्न भूगोलीय विशेषताओं को बनाने और संशोधित करने के लिए जिम्मेदार है, जैसे की पर्वतमाला, समुद्र खाई, भूकंप, और ज्वारांकी।

प्लेट टेक्टोनिक्स का सिद्धांत हमारे पृथ्वी विज्ञान में ज्योलॉजी की अध्ययन में महत्वपूर्ण है और यह धाराप्रद विज्ञान के क्षेत्र में एक मौलिक सिद्धांत बन चुका है।

No comments:

Powered by Blogger.