Tidal Disruption Event
Tidal Disruption Event
ताइडल डिस्रप्शन इवेंट (Tidal Disruption Event - TDE) एक प्रकार की घटना है जो होती है जब एक तारा गैलेक्सी में सुपरमैसिव ब्लैक होल के बहुत करीब आता है, और ब्लैक होल की भौतिक बलों से तारा फाट जाता है या विघटित होता है। इस घटना में विभिन्न प्रकार की ऊर्जा मुक्त होती है, जिसे विभिन्न तरीकों से अवलोकन किया जा सकता है।
यहां Tidal Disruption Events के बारे में मुख्य बिंदुएं हैं:
गुरुत्व और टाइडल बल:
एक गैलेक्सी में सुपरमैसिव ब्लैक होल के बहुत करीब आने पर उसकी शक्तिशाली गुरुत्व बलें एक तारे के अपने-गुरुत्व को पार करने के लिए प्रेरित कर सकती हैं। तारे की पास और दूर की ओर की ओर गुरुत्व बलों में अंतर से होने वाले टाइडल बल के कारण तारा खींचा जा सकता है और उसका रूपांतरण हो सकता है।
टाइडल डिस्रप्शन:
यदि एक तारा ब्लैक होल के बहुत करीब आता है, तो टाइडल बलें तारे के अपने-गुरुत्व को पार कर सकती हैं और इसे खींचकर फाड़ सकती हैं। इस प्रक्रिया को टाइडल डिस्रप्शन कहा जाता है।
आक्रेशन डिस्क निर्माण:
टारे से फटे हुए सामग्री ब्लैक होल के चारों ओर एक आक्रेशन डिस्क बनाती है। यह आक्रेशन डिस्क एक बर्फीली गैस, धूल, और अन्य तारासंदर्भ सामग्री का एक घूर्णकारी भंगीमा है जो ब्लैक होल की ओर स्वायत्त होती है।
प्रकाश का उत्सर्जन:
डिस्रप्ट किए गए सामग्री का आक्रेशन डिस्क की ओर बढ़ते समय, यह बहुत अधिक ऊर्जा रिहा करता है जो प्रकाश के रूप में मुक्त होती है। यह प्रकाश इलेक्ट्रोमैग्नेटिक स्पेक्ट्रम के विभिन्न हिस्सों में देखा जा सकता है, जैसे कि एक्स-रे से लेकर दृश्य प्रकाश और रेडियो तरंगें।
समय-सीमित घटनाएं:
टाइडल डिस्रप्शन इवेंट समय-सीमित घटनाएं होती हैं, यानी इन्हें सीमित समय के लिए अवलोकन किया जा सकता है। घटना की उज्ज्वलता तेजी से बढ़ सकती है और समय के साथ कम हो सकती है जबकि डिस्रप्ट किए गए सामग्री ब्लैक होल द्वारा अक्रेशण की जाती है।
खगोलशास्त्रीय अवलोकन:
खगोलशास्त्रीय अवलोकनीयता के लिए खगोलज्ञ विभिन्न दूरदृष्टि और उपकरणों का उपयोग करते हैं। दृष्टिगत चमक और विद्युतीय स्पेक्ट्रम से प्राप्त जानकारी सुपरमैसिव ब्लैक होल्स की गुणधर्मों और शामिल हुए ताराओं की गतिकी जानने में मदद करती हैं।
टाइडल डिस्रप्शन इवेंट्स का अध्ययन खगोलज्ञों को समझने में मदद करता है कि सुपरमैसिव ब्लैक होल का व्यापक क्षेत्र, इन ब्लैक होल्स के चारों ओर स्तेलर परिक्रमणों की गतिकी, और खगोलीय घटनाओं में टाइडल बलों का क्या योगदान हो सकता है।
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