World Bank
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विश्व बैंक एक अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्था है जो विकासशील देशों को वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान करती है, जिसका उद्देश्य है उन विकास परियोजनाओं का समर्थन करना जो उन देशों के लोगों के आर्थिक संभावनाओं और जीवन की गुणवत्ता को सुधारने की उम्मीद है। विश्व बैंक का मुख्य उद्देश्य गरीबी को कम करना और सतत आर्थिक विकास का समर्थन करना है।
विश्व बैंक के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बिंदुएँ शामिल हैं:
स्थापना: विश्व बैंक की स्थापना 1944 में हुई थी और इसने आधिकारिक रूप से 1946 में कार्य शुरू किया। इसका मुख्यालय वाशिंगटन डी.सी., संयुक्त राज्य है।
संरचना: विश्व बैंक समूह पाँच संस्थाओं से मिलकर बना है, जिसमें मुख्य रूप से अंतरराष्ट्रीय पुनर्निर्माण बैंक (IBRD) और अंतरराष्ट्रीय विकास संस्थान (IDA) हैं। इनके अलावा, अंतरराष्ट्रीय वित्त निगम (IFC), बहुराष्ट्रीय निवेश सुरक्षा एजेंसी (MIGA), और अंतरराष्ट्रीय निवेश विवादों के समाधान के लिए केंद्र (ICSID) शामिल हैं।
सदस्यता: विश्व बैंक के 189 सदस्य देश हैं (मेरे आखिरी ज्ञान अपडेट के समय जनवरी 2022 के आसपास)। प्रत्येक सदस्य का मतदान उनकी योगदान की मात्रा से निर्धारित होता है।
वित्तीय समर्थन: विश्व बैंक अंतरराष्ट्रीय पूंजी बाजार में बॉन्ड जारी करके धन जुटाता है। यह सदस्य देशों से योगदान भी प्राप्त करता है।
कार्यक्षेत्र: विश्व बैंक सुविधा विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण संरक्षण, शासन, और निजी क्षेत्र विकास जैसे विभिन्न क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करता है।
ऋण के लिए शर्तें: सामान्यत: देशों को विश्व बैंक के ऋण के लिए योग्यता प्राप्त करने के लिए कुछ शर्तें और प्रतिबद्धताएं पूरी करनी होती हैं। इन शर्तों में अक्सर सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए आर्थिक और शासनिक सुधारणाएं शामिल होती हैं।
अनुसंधान और रिपोर्टें: विश्व बैंक विभिन्न वैश्विक विकास मुद्दों पर अनुसंधान करता है और जानकारी और सिफारिशें प्रदान करने वाली रिपोर्टें प्रकाशित करता है। यह आर्थिक पूर्वानुमान और विश्लेषण भी तैयार करता है।
वैश्विक पहलुओं: विश्व बैंक जलवायु परिवर्तन, जेंडर समानता, और स्थायी विकास लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए वैश्विक पहलुओं में शामिल है।
स्थापना: IBRD की स्थापना 1944 में हुई और इसने 1946 में कार्य शुरू किया। इसका प्रमुख उद्देश्य मध्यम आय वर्ग और ऋणयोग्य कम आय वर्ग के देशों को विकास परियोजनाओं के लिए वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान करना है।
सदस्यता: IBRD के 189 सदस्य देश हैं (मेरे आखिरी ज्ञान अपडेट के समय जनवरी 2022 के आसपास)। प्रत्येक सदस्य का मतदान उनकी योगदान की मात्रा से निर्धारित होता है।
पूंजी संरचना: IBRD अंतरराष्ट्रीय पूंजी बाजार में बॉन्ड जारी करके धन जुटाता है। यह अपने सदस्य देशों द्वारा योगदान किए जाने वाले पूंजी का उपयोग ऋण प्रदान करने के लिए करता है।
ऋण्योग्यता: IBRD मध्यम आय वर्ग और ऋणयोग्य कम आय वर्ग के देशों को ऋण प्रदान करता है। ऋण लेने वाले देशों को कुछ ऋण्योग्यता मानकों को पूरा करना होता है और वे आर्थिक और शासनिक सुधार करने के लिए प्रतिबद्ध होते हैं।
ऋण और क्रेडिट: IBRD विभिन्न विकास परियोजनाओं, जैसे कि बुनियादी सुविधाएँ, शिक्षा, स्वास्थ्य, और पर्यावरण संरक्षण के लिए ऋण और क्रेडिट प्रदान करता है। ये ऋण न्यूनतम ब्याज दरों और लंबे अवधि के साथ प्रदान किए जाते हैं।
तकनीकी सहायता: वित्तीय सहायता के अलावा, IBRD ऋण लेने वाले देशों को तकनीकी विद्या और ज्ञान प्रदान करता है। इसमें नीति विकास, क्षमता निर्माण, और परियोजना को कार्रवाई करने में समर्थन शामिल है।
सतत विकास लक्ष्य (SDGs): IBRD अपनी गतिविधियों को सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) के साथ मेल करता है ताकि गरीबी को कम किया जा सके, जेंडर समानता को बढ़ावा दिया जा सके, और पर्यावरण संरक्षण हो सके।
क्षेत्र केंद्रित: IBRD शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, ऊर्जा, परिवहन, और शासन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में परियोजनाओं का समर्थन करता है। इसका लक्ष्य सदस्य देशों में समग्र आर्थिक विकास और जीवन मानकों में सुधार करने में सहायता करना है।
नियंत्रण: जैसा कि विश्व बैंक समूह के अन्य संस्थानों में, IBRD का एक नियंत्रण संरचना है जिसमें गवर्नर्स बोर्ड, एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर्स बोर्ड, और एक प्रेसिडेंट शामिल हैं। प्रेसिडेंट सामान्यत: सबसे बड़े शेयरहोल्डर द्वारा नामित किया जाता है, जो संयुक्त राज्य है।
यहां IDA के बारे में कुछ महत्वपूर्ण विवरण हैं:
स्थापना: IDA की स्थापना 1960 में हुई थी, और इसने अपने पहले ऋणों को 1961 में प्रदान किए।
उद्देश्य: IDA का प्रमुख उद्देश्य है विकासशील देशों में गरीबी को कम करना और स्थायी विकास को समर्थन करना।
ऋण और अनुदान: IDA ऋण और अनुदान की रूप में वित्तीय सहायता प्रदान करता है। इससे विकासशील देश अपनी आर्थिक और सामाजिक स्थिति में सुधार कर सकते हैं।
क्रेडिट कंडीशन्स: IDA के द्वारा प्रदान किए जाने वाले ऋण और अनुदानों की शर्तें सामान्यत: संबंधित देशों के लिए कमजोर होती हैं और उन्हें आर्थिक और सामाजिक सुधार की दिशा में कदम उठाने की जिम्मेदारी दी जाती है।
अवधि और ब्याज दर: IDA ऋणों को लंबे समय के लिए प्रदान करता है और इन्हें आमतौर पर न्यूनतम ब्याज दरों पर प्रदान किया जाता है।
समर्थन: IDA विभिन्न क्षेत्रों में परियोजनाओं का समर्थन करता है, जैसे कि शिक्षा, स्वास्थ्य, साक्षरता, पानी और साफ़ता, और ऊर्जा।
साझा संस्थानों के साथ काम: IDA संयुक्त रूप से अन्य अंतरराष्ट्रीय और स्थानीय संगठनों के साथ काम करता है, ताकि एक समृद्ध और सुरक्षित भविष्य की दिशा में साझा प्रयास किया जा सके।
विकासीय प्राथमिकताएं: IDA अपने कार्य में सुस्त सामाजिक और आर्थिक विकास की प्राथमिकताओं का पालन करता है, ताकि गरीबी को कम किया जा सके और सामाजिक न्याय बढ़ाया जा सके।
अंतरराष्ट्रीय वित्त निगम (International Finance Corporation - IFC) एक विश्व बैंक समूह की संस्था है और यह वित्तीय सेवाएं और संबंधित सहायता प्रदान करने का कार्य करती है। यह विश्व बैंक समूह का एक हिस्सा होने के साथ-साथ स्वतंत्र संस्था भी है, जो निजी क्षेत्र के लिए वित्तीय समाधान प्रदान करने का उद्देश्य रखती है।
यहां IFC के बारे में कुछ महत्वपूर्ण विवरण हैं:
स्थापना: IFC की स्थापना 1956 में हुई थी, और यह अपनी स्वतंत्रता के साथ काम करती है, जिससे यह विभिन्न स्वतंत्र संस्थाओं, निगमों, और स्थानीय बैंकों से अपनी गतिविधियों को समर्थित करती है।
उद्देश्य: IFC का मुख्य उद्देश्य निजी क्षेत्र में निवेश बढ़ाना और विकासशील देशों में आर्थिक सुधार लाना है।
निवेश: IFC निजी क्षेत्र के साथ मिलकर विभिन्न क्षेत्रों में निवेश करती है, जैसे कि उद्यमिता, ऊर्जा, वित्तीय सेवाएं, इंफ्रास्ट्रक्चर, और स्वास्थ्य।
समर्थन और सहायता: IFC निवेश के साथ-साथ निजी क्षेत्र को प्रवृत्ति, तकनीकी सहायता, और वित्तीय सलाह प्रदान करती है।
वित्तीय प्रदान: IFC निवेश को वित्तीय समर्थन द्वारा पूरा करती है और इसके लिए विभिन्न वित्तीय उपाधियों, जैसे कि आवृत्ति, निवेश नोट्स, और ऋण का समर्थन करती है।
विकासशील देशों में निवेश: IFC विकासशील देशों में निजी क्षेत्र में निवेश बढ़ाने का प्रयास करती है, जिससे वहां की आर्थिक वृद्धि को समर्थित कर सके।
साझा उद्देश्य: IFC समृद्धि, पर्यावरण सुरक्षा, और सामाजिक उत्थान जैसे साझा उद्देश्यों के साथ काम करती है।
गवर्नेंस: IFC की गवर्नेंस में एक बोर्ड होता है जिसमें सदस्य देशों के प्रतिष्ठानुसार स्थानांतरित एजेंसियां शामिल होती हैं।
इसके कुछ महत्वपूर्ण विवरण निम्नलिखित हैं:
स्थापना: MIGA की स्थापना 1988 में हुई थी, और यह विकसित देशों में निवेश करने वाले निवेशकों को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से काम करती है।
निवेश सुरक्षा: MIGA निवेशकों को राजनीतिक और आर्थिक स्थितियों से होने वाली जोखिमों से बचाने के लिए गारंटी प्रदान करती है, जिससे वे विकसित देशों में निवेश करने का निर्णय लें।
निवेश क्षेत्र: MIGA विभिन्न क्षेत्रों में निवेश की सुरक्षा प्रदान करती है, जैसे कि उद्यमिता, ऊर्जा, इंफ्रास्ट्रक्चर, वित्त, और वित्तीय सेवाएं।
गारंटी: MIGA विभिन्न प्रकार की गारंटी प्रदान करती है, जैसे कि पॉलिटिकल रिस्क इंश्योरेंस, निवेशकीय रिस्क इंश्योरेंस, और विदेशी निवेशकों के लिए तात्कालिक गारंटी इंश्योरेंस।
साझा उद्देश्य: MIGA साझा उद्देश्यों के साथ काम करती है जैसे कि सुस्त समृद्धि, पर्यावरण सुरक्षा, और सामाजिक उत्थान।
समर्थन और भूमिका: MIGA अपने सदस्य देशों को निवेश सुरक्षा में सहायता करने के लिए सक्रिय रूप से काम करती है, और इसकी भूमिका एक सुरक्षित निवेश माहौल बनाए रखना है।
गवर्नेंस: MIGA की गवर्नेंस में एक बोर्ड होता है, जिसमें सदस्य देशों के प्रतिनिधित्व से एजेंसी की कार्रवाई निर्धारित होती है।
अंतरराष्ट्रीय निवेश विवादों के समाधान के लिए केंद्र (International Centre for Settlement of Investment Disputes - ICSID) विश्व बैंक समूह का एक स्वतंत्र संस्थान है जो निवेशकों और संबंधित सरकारों के बीच विवादों के समाधान के लिए सेवाएं प्रदान करता है। इसका मुख्य उद्देश्य निवेश विवादों को विधियों और न्यायिक प्रक्रियाओं के माध्यम से शांति से समाधानित करना है।
यहां ICSID के बारे में कुछ महत्वपूर्ण विवरण हैं:
स्थापना: ICSID की स्थापना 1966 में हुई थी और यह अंतरराष्ट्रीय निवेश विवादों के समाधान को सुरक्षित और विधियुक्त बनाए रखने का उद्देश्य रखता है।
उद्देश्य: ICSID का मुख्य उद्देश्य विवादों को बिना पक्षपात के और न्यायिक सुनवाई के माध्यम से समाधान करना है ताकि निवेशकों को सुरक्षित और स्थिर निवेश करने का आत्मविश्वास हो।
संबंधित समझौते (Conventions): ICSID का संबंध विश्व बैंक के सदस्यता से है और यह विशेष रूप से ICSID की संबंधित समझौताओं के प्रति समर्पित है, जैसे कि आंतरदृष्टि संबंधित समझौता (ICSID Convention)।
न्यायिक समितियाँ: ICSID विवादों के न्यायिक समाधान के लिए विशेष न्यायिक समितियों की नियुक्ति कर सकता है, जिनमें अन्तरराष्ट्रीय न्यायिकों की शामिली होती है।
गुणस्तरीय विधि: ICSID नियमन के साथ अंतरराष्ट्रीय न्यायिक प्रक्रिया का समर्थन करता है जो विवादों को गुणस्तरीय रूप से, विधियुक्तता के साथ हल करने की कोशिश करता है।
अनुसंधान और प्रशिक्षण: ICSID निवेश समाधान के क्षेत्र में अनुसंधान और प्रशिक्षण का कार्य भी करता है ताकि विभागीय विशेषज्ञता में सुधार हो सके।
गवर्नेंस: ICSID की गवर्नेंस में एक सदस्य देशों से मिलकर बनी बोर्ड होती है जो इसके कार्रवाई को निर्धारित करती है।
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