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easy TIPS & TRICKS by Brijesh Shahu

Dusted Apollo Butterfly

Dusted Apollo Butterfly




 हाल ही में डस्टेड अपोलो (Parnassius stenosemus), को हिमाचल प्रदेश के चंबा में पहली बार देखा गया और उसकी तस्वीरें ली गईं।


डस्टेड अपोलो तितली की खोज वर्ष 1890 में की गई थी और इसका वितरण क्षेत्र लद्दाख से पश्चिम नेपाल तक विस्तारित है। यह आंतरिक हिमालय में 3,500 से 4,800 मीटर के बीच उड़ान भरने में सक्षम होती  है।

यह स्वेलोटेल परिवार के स्नो अपोलो वर्ग (Parnassius) से संबंधित है।

हालाँकि लद्दाख बैंडेड अपोलो (Parnnasius stoliczkanus) तथा डस्टेड अपोलो प्रजातियाँ समान हैं लेकिन लद्दाख बैंडेड अपोलो का डिस्कल बैंड केवल चार शिरों तक पहुँचता है, जबकि डस्टेड अपोलो का डिस्कल बैंड पूर्ण होता है साथ ही उसका ऊपरी अग्र पंख पर कोस्टा से शिराओं एक तक फैला हुआ होता है।

हिंडविंग में डिस्कल बैंड होता है जो लगभग गोल होता है, और चमकीले लाल रंग के अर्धचंद्राकार धब्बों की सीमांत पंक्तियाँ होती हैं।

इसमें एक अन्य दुर्लभ प्रजाति रीगल अपोलो (Parnnasius charltonius) भी शामिल है, जो वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की अनुसूची II के तहत संरक्षित है।

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