Status Report of Snow Leopards in India
Status Report of Snow Leopards in India
नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड (National Board for Wildlife) की बैठक के दौरान केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री (Union Minister of Environment, Forest, and Climate Change- MoEFCC) द्वारा भारत में हिम तेंदुओं की स्थिति रिपोर्ट (Status Report of Snow Leopards in India) जारी की गई।
यह रिपोर्ट भारत में हिम तेंदुए की आबादी का आकलन (Snow Leopard Population Assessment in India- SPAI) कार्यक्रम द्वारा प्रस्तुत की गई जो भारत में हिम तेंदुओं की संख्या से संबंधित महत्त्वपूर्ण अंतर्दृष्टि प्रदान करने हेतु एक प्रमुख वैज्ञानिक अभ्यास है।
भारत में हिम तेंदुए की आबादी का आकलन (SPAI) कार्यक्रम क्या है?
SPAI कार्यक्रम भारत में हिम तेंदुओं की आबादी का आकलन करने वाला पहला व्यापक वैज्ञानिक अभ्यास है।
भारतीय वन्यजीव संस्थान (Wildlife Institute of India- WII) ने हिम तेंदुआ श्रेणी के राज्यों तथा संरक्षण भागीदारों, नेचर कंज़र्वेशन फाउंडेशन, मैसूर और विश्व वन्यजीव कोष (World Wildlife Fund- WWF) भारत के समर्थन से SPAI के लिये राष्ट्रीय समन्वयक के रूप में कार्य किया।
SPAI ने व्यवस्थित रूप से ट्रांस-हिमालयी क्षेत्र में संभावित हिम तेंदुए की 70 प्रतिशत से अधिक क्षेत्र को शामिल किया, जिसमें केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख और जम्मू-कश्मीर तथा हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम एवं अरुणाचल प्रदेश जैसे राज्य शामिल हैं।
यह कार्यक्रम वर्ष 2019 से वर्ष 2023 तक दो चरणों में आयोजित किया गया था, जिसमें हिम तेंदुए के स्थानिक वितरण का मूल्यांकन करना तथा कैमरा ट्रैप का उपयोग करके हिम तेंदुए की बहुतायत का अनुमान लगाना शामिल था।
रिपोर्ट की मुख्य विशेषताएँ
परिणाम:
SPAI रिपोर्ट के अनुसार भारत में 718 हिम तेंदुए की संख्या है, जो संरक्षण प्रयासों के लिये महत्त्वपूर्ण आँकड़े प्रदान करती है।
रिपोर्ट में विभिन्न राज्यों में हिम तेंदुओं की अनुमानित संख्या का विवरण दिया गया है: लद्दाख (477), उत्तराखंड (124), हिमाचल प्रदेश (51), अरुणाचल प्रदेश (36), सिक्किम (21) और जम्मू-कश्मीर (9)।
संरक्षण के प्रयास और सिफारिशें:
रिपोर्ट में दीर्घकालिक जनसंख्या निगरानी पर ध्यान केंद्रित करने के लिये MoEFCC के तहत भारतीय वन्यजीव संस्थान (Wildlife Institute of India-WII) में एक हिम तेंदुआ सेल स्थापित करने की आवश्यकता पर बल दिया गया है।
हिम तेंदुओं के दीर्घकालिक अस्तित्व को सुनिश्चित करने, चुनौतियों की पहचान करने, खतरों का समाधान करने और प्रभावी संरक्षण रणनीति तैयार करने के लिये आवधिक जनसंख्या अनुमान के माध्यम से लगातार निगरानी का प्रस्ताव है।
नेचर कंज़र्वेशन फाउंडेशन
नेचर कंज़र्वेशन फाउंडेशन (NCF), मैसूर एक गैर-सरकारी संगठन है जो भारत के वन्य जीवन और पारिस्थितिक तंत्र के संरक्षण में योगदान करता है।
WWF-इंडिया, 27 नवंबर 1969 को एक चैरिटेबल ट्रस्ट के रूप में गठित किया गया था। यह एक विज्ञान-आधारित संगठन है जो प्रजातियों तथा उनके आवासों के संरक्षण, जलवायु परिवर्तन, जल एवं पर्यावरण शिक्षा जैसे कई अन्य मुद्दों को संबोधित करता है।
WWF-इंडिया एक स्वायत्त कार्यालय है जिसका सचिवालय नई दिल्ली में स्थित है। यह WWF इंटरनेशनल का हिस्सा है।
राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड:
NBWL सभी वन्यजीव संबंधी मुद्दों की समीक्षा करने और राष्ट्रीय उद्यानों एवं अभयारण्यों में तथा उसके आसपास परियोजनाओं को मंज़ूरी देने वाला शीर्ष संगठन है।
यह वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की धारा 5A के तहत गठित एक वैधानिक निकाय है।
यह वन्यजीव संरक्षण और परिरक्षण से संबंधित नीतिगत मामलों पर सरकार को सलाह देता है तथा राष्ट्रीय उद्यानों एवं अन्य संरक्षित क्षेत्रों में व उसके आसपास परियोजनाओं को मंज़ूरी देता है।
NBWL की अध्यक्षता प्रधानमंत्री करते हैं और इसमें 47 सदस्य शामिल हैं, जिनमें तीन संसद सदस्य, पाँच गैर सरकारी संगठन तथा 10 प्रतिष्ठित पारिस्थितिकी विज्ञानी, संरक्षणवादी एवं पर्यावरणविद् शामिल हैं।
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